*बेठो छुं*
कौन कहे छे के हुं किनारे बेठो छुं?
दील ना दरीयामां मजधारे बेठो छुं
कौन कहे छे..
आपो लंगर तो कदाच कांठे आवुं
बाकी तो मोजो ना सहारे बेठो छुं
कौन कहे छे..
सुख ने दु:ख भरती-ओट भासे छे
हुं अडग थई समय नी वारे बेठो छुं
कौन कहे छे..
कई दीशा मां लई जशे खबर नथी
सढ ने पवन नी आज आडे बेठो छुं
कौन कहे छे..
दुर क्यांक वमण रचायुं छे जरूर
दीसे छे ऐ तरंग ना आसारे बेठो छुं
कौन कहे छे..
हजी कोई आवशे बचाववा निश्वार्थ
"देव"फक्त ऐ आश ना सहारे बेठो छुं
कौन कहे छे..
✍🏻देव गढवी
नानाकपाया-मुंदरा
कच्छ
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