मैं चारण हूँ सत्य के सिवा लिखता नही
इसलिए सम्मेलनों में कहीं दीखता नहीं
नहीं आती सियासत न मैं दम्भ भरता हूँ
मेरे ढंग से चारणतत्व पर काम करता हूँ
न पद से न प्रतिष्ठा से न प्रलोभन से जी
न कोई खरीद सकता है मैं बिकता नहीं 1
मैं चारण हूँ सत्य के सिवा लिखता नही
इसलिए सम्मेलनों में कहीं दीखता नहीं
सत्य सुनने की चारणों में आदत नही रही
पहली सी जुबान ठकुराई शराफत नहीं रही
मां हिंगलाज के चरणों के सिवा झुकता नही
मैं चारण हूँ सत्य के सिवा लिखता नही
इसलिए सम्मेलनों में कहीं दीखता नहीं 2
नहीं पद की कोई इच्छा न सम्मान की है
न भूख मंचों की ना भूख पहचान की है
मैं मंजिल पाए बिना कभी भी रुकता नहीं
मैं चारण हूँ सत्य के। सिवा लिखता नही
इसलिए सम्मेलनों में कहीं दीखता नहीं 3
मुझ से बड़े ग्यानी भी सम्मेलनों में आएंगे
चारणाचार के सुंदर किस्से भी सुनाएंगे
सच कोई सुनेगा नहीं झूठ मैं बोलता नहीं
मैं चारण हूँ सत्य के सिवा लिखता नही
इसलिए सम्मेलनों में कहीं दीखता नहीं 4
अब तक क्या सुधार हुआ कोई बताये जरा
सुधारवादी पदाधिकारी आत्मा जगाये जरा
कितनी परित्यक्ताओं से मिले कोई कहता नही
मैं चारण हूँ सत्य के सिवा लिखता नही
इसलिए सम्मेलनों में कहीं दीखता नहीं 6
डॉ प्रेम दान भारतीय। चराण गाडण
गाँव धाणदा
जिला पाली
राजस्थान
संपर्क
9925606095
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