भवाब्धि पार तारिणी
दूहो :
शिवशंभू सहचारिणी धर धारण जगमात
भवसागर भव तारिणी समरु माँ दिनरात
छंद - नाराच
नमो नरेश्वरी प्रिया शिवा सनातनी सदा
महामया महेश्वरी प्रबोधिनी मति़ प्रदा
तुं कोटिरुपिणी कराल काल काम मारिणी
भवा भणंत भाव से भवाब्धि पार तारिणी
सती सुलोचनी महाभूजा भुजंगभूषणा
तुं भूख भाँगती अन्ने सलिल रूप तृषणा
अगाध आध ईश्वरी तुं दुष्ट दैत डारिणी
भवा भणंत भाव से भवाब्धि पार तारिणी
सरस्वती सुमंगला समस्त सृष्टि देखिनी
भविष्य वर्तमान भूत मात लेख लेखिनी
रगत्तबीज शोषणी कपाल माल धारिणी
भवा भणंत भाव से भवाब्धि पार तारिणी
डमड्ड डमड्ड डमड्ड डमड्ड हाक डाक बाजते
डणंक देत चंडिका मयंद घोर गाजते
सुखात्मिकाय सिद्धला खमां खमां उचारिणी
भवा भणंत भाव से भवाब्धि पार तारिणी
- 'सिद्ध' चारण(विरवदरका)
9586788806
1 टिप्पणी:
Wah bhai wah
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