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"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

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Notice Board


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30 नवंबर 2016

।। जाग हवे तुं, जाग रे जोगी।। - कवि : जय - जयेशदान गढवी।

( आत्मा जोगी छे, मन भोगी छे।  ज्यारे आत्मभाव जाग्रत थाय छे, त्यारे निज ना साचा स्वरूप नी ओञख थाय छे।  ऐवा निजतत्व ने जाग्रत करवा  आह्वान करतु काव्य......)

।।  *जाग हवे तुं, जाग रे जोगी*।।

जाग हवे तुं, जाग रे जोगी.......
तन नी व्हाली आञस छोडी, मन नी मांह्यली ममता तोडी।
गाइ ले अलख राग रे जोगी।
जाग हवे तुं, जाग रे जोगी.......

* क्यां सुधी फांफा, क्यां सुधी फांका ।
जनम राज नो,  लखणे  रांका।
हञवी हाल्युं तने न सोहे, दोट मेली ने भाग रे जोगी।
जाग हवे तुं, जाग रे जोगी.......(1)

* खंजवाञी ने जखम खोतरे।
आनंद नामे पीड़ा नोतरे।
खंधा धंधा मेल ने पडता, तारे मारग लाग रे जोगी।
जाग हवे तुं, जाग रे जोगी.......(2)

* पञ एक नी नहीं आश सांस नी।
बञते जंगल कुटिया घास नी ।
काजञ कोटडी जोजे न लागे, धोञे अंचञे दाग रे जोगी।
जाग हवे तुं, जाग रे जोगी.......(3)

* पराइ पंचाते खुद ने खोयुं ।
मन ना वमञे मन ने मोयुं ।
मन मर्कट छे बंधन कारण, ऐना न होय चाग रे जोगी।
जाग हवे तुं, जाग रे जोगी.......(4)

* तरवा मरवा नी मेल त्रूष्णा।
धुबाको कर जपती रषणा ।
*जय* घट भीतर उछञे मोजा, आनंद प्रेम अताग रे जोगी।
जाग हवे तुं, जाग रे जोगी.......(5)

* * * * * * * * * * * * * * * * * * * *

-कवि : *जय*।
- जयेशदान गढवी।

वोटसप वापरता बधा भजन प्रेमियो अने साहित्य प्रेमियो ने एक नम्र विनंती

*वोटसप वापरता बधा भजन प्रेमियो अने साहित्य प्रेमियो ने एक नम्र विनंती*

हाल मा आपणे बधा रोज मेसेज वांची रह्या छिये के जेमा नित नवा भजन- दुहा-छन्द-कविताओ वगेरे वॉट्सऐप माध्यम द्वारा आप ले थई रह्या छे जे खरेखर बौ आनंद नी वात छे ।अने जे  कलाकार  ने तेमज भजन प्रेमिओ ने पोतना मोबाइल द्वारा गमता भजनों कविताओ गोतवा मा खूब सरळता थाय छे ।
टाइप करनारनी महेनतने वंदन पण .....

    *📵खास विचार वा नी बाबत 📵*

इ छे के टाईप करता क्यारे उतावड मा आपणे सौ अमुक शब्दो ने साचु न्याय नथी आपी शकता आपणी थोड़ी भूल ने कारणे कवि नी कलम ने साचु न्याय ना मडे जेना कारणे अमुक शब्दोनु अप भ्रस्ट थई जाय छे अने इ शब्दो नु उगता कलाकारों भोग ना बने इ माटे आपणे सौ टाईप करनाराओ ने ख़ास ध्यान मा राखवा जेवि बाबत छे । अने अमुक कविता ओ मा जो टाइपिंग मा भूल होय तो आपणे कोई पण कविता भजन आखु वांची त्यारबाद ज फॉरवर्ड करो,

जेम सुरज अने चंद्र अंधकार ने दूर करे छे एम् अज्ञान रूपी अंधकार ने दूर करवा मा कवियों अने संतो नो खूब फाड़ो छे
एक शब्द नी ज कीमत होय छे
"शब्द संभाल के बोलिये सब्द के हाथ नै पाँव
एक शब्द है औसधि और एक शब्द है गाव"
माटे आपणी संस्कृति नो जतन करवु इ आपणी फरज छे ।

*जो आ मेसेज सारू लागियु होय तो फोरवड करजो । जय माताजी*

|| सोनल प्रभाती || रचना:जोगीदान गढवी (चडीया)

,              *|| सोनल प्रभाती ||*
.      *रचना:जोगीदान गढवी (चडीया)*
.    *ढाळ: अखंड रोजी हरी ना हाथ मां*
हेजी एवां
गगन वलोंणां तोळां गाजीयां, नेतरां तांणें ज्यां नेजाळी
सामे रे उभेली आई सोनबा, आवड भेळी रे आंटाळी........टेक
घमर रवायो मांड्यो घुमवा, नवग्रह गोळी मां नीयाळी
वेग थी फुंकायो तेदी वावडो ने, गरज्यां डुंगरा ने गाळी..
गगन वलोणां.....01
तेज रे फुवारा समीं त्रांबडी, तोर थी लीये हाथ ताळी
मुखडे मलकती ए मावडी, मांखण तावे ममताळी
गगन वलोणां.....02
जग नी जनेता तुंतो जोगणी, भजीयें विह रे भुजाळी
आयल हमीर घरे उशरी आखी नात्य अंज वाळी
गगन वलोणां.....03
सोनल प्रभाती गावे सारणो, मढडा वाळी मरमाळी
चडीयो जपे रे तुंने चारणी, जोगीदान के जोराळी..
गगन वलोणां.....04


गोल जी.के.ऐकेडमी जाम खंभाडीयाना पोलीस परीक्षामां सफळ थयेल उमीदवारों

गोल जी.के.ऐकेडमी जाम खंभाडीयाना पोलीस परीक्षामां सफळ थयेल उमीदवारों

चरज मेगेझीन

सौ चारणोने चरज नेटवर्क आयोजीत "कनेकटिंग चारण अभियान" मां जोडावा हार्दिक निमंत्रण, चारण ऐक बने, चारण नेक बने मिशन अंतर्गत उत्कृष्ठ चरज मेगेझीन साथे BSNL नुं प्री-पेईड CUG कार्ड फ्रि गिफ्ट ..... चरज नेटवर्कना चारणो साथे अनलिमिटेड फ्रि टॉकटाइम जीवनभर
मेगेझीन मंगाववा माटे संपर्क करो
चरज नेटवर्क
मो-9428412555


मांडवी-कच्छ खाते ता.31-12-2016 ना रोज सोनल बीज उजववामां आवशे कच्छमित्रमां करशनभाई गढवीनो अहेवाल

मांडवी-कच्छ खाते ता.31-12-2016 ना रोज सोनल बीज उजववामां आवशे कच्छमित्रमां करशनभाई गढवीनो अहेवाल

आई श्री सोनल माँ भाव : रचना :- दिलजीतभाई गढवी

*आई श्री सोनल माँ*
                *भाव*
राग..दर्शन बिना भये बावरिया...

शरण आव्यो रे अरज लाव्यो रे
हवे करीदयो बेडो पार रे मढडावाळी मावलडी....टेक..

अधम उधारण जागती ज्योती सोनल मां साक्षात,
विघन विडारण वडहथ वाळी विश्वमां विख्यात.(2)
तारण हारी रे मां मरमाळी रे हवे करीदयो बेडो पार रे मढडा वाळी मावलडी...1

कृपा करीदे करणी कृपाळी तूं छो तारण हार,
नजरे निहाळी नेजा वाळी समरथ लेजो सार, (2)
भाव भरेली रे आई अलबेली रे हवे करीदयो बेडो पार रे मढडा वाळी मावलडी,...2

ओथ अमारे आई तमारी अवरनी नथी आश,
धींगो वसीलो एक धणी तूं वडो तारो विश्वास, (2)
दिव्य दयाळी रे मां ममताळी रे हवे करीदयो बेडो पार रे मढडा वाळी मावलडी,...3

शब्दो रुपी फूलडा केरो हेते गूंथ्यो छे हार,
*दिलजीत* छोरु शरणे तारे स्नेहे करो ने स्विकार, (2)
सूख करनारी दूःख हरनारी हवे करीदयो बेडो पार रे मढडा वाळी मावलडी,....4

आई सोनल मां मढडा नी वंदना
दिलजीत बाटी ढसा जं.
मो..9925263039

आई श्री पीठड माँ चरज : रचना :- दिलजीतभाई गढवी

*आई श्री पीठड माँ*
          *चरज*
राग..पाये तूने विपळी लागू.

पीठड आई पाटरामा मां वारु करो टेम वहमा मां...टेक..

अरणा वाळी आई अमाणी प्रगणामा प्रखियात,
हे..कूळ बाटी नी कूळदेवी मां
वडहथी वीखियात, पीठड मां. 1

कामळी काळी ओपती माथे हेमनी लाकडी हाथ,
हे..भालावाळी मारी भीडने भांगे नेजावाळी अमू नाथ, पीठड मां,...2

आशरो मोटो आई पीठड नो स्नेह थी करती सहाय,
हे..वेरी वष्यर कोई वाघ वरु थी वाळ वांको नो थाय,.पीठड मां...3

हरशे हानी हेतथी माडी जतन करी जगदंब,
हे..याद करो त्यां आवती भेरे आई पीठड अवीलंब,.पीठड मां ...4

पाठ नो धणी आई पीठड मां जे पूजशे मानो पाठ,
हे..बाटी *दिलजीत* माँ आपशे एने ठाकर वाळो ठाठ पीठड मां....5

पाटरामा पीठड मां नी वंदना

दिलजीत बाटी ढसा जं.

मो...9925263039

29 नवंबर 2016

सोनबाई मां नी वात

सोनबाई मा ना गादोई गामे रामभाई हारे वेविसाळ करावी ने लगन थीयां त्यां सुधी तेनी जनमदात्री रांणबाई नोता जांणी सक्या के आ मां छे,
जेदी ऐ बधा बंधनो तोडी ने भगवान शीव अने कृष्ण ने भजती सोनल ने मढडा मां आई तरीके मान तो मळेलुंज पण ज्यारे रांणबाई माये एकदी कह्युं के सोनां (सोनबाई मा ने ते सोना केहतां) दहीं गोळी मां मुकी दे हुं आवुं एटले पछी छास फेरवी नाखीये,
सोनबाईये दहीं गोळी मां नाख्युं मांकडी धोई ने रवायो मुक्यो त्यां आवड आवी जे एमना खेतरे बेसाडेल छे ई
अने सोनबाई साथे छास फेरवी ने माखण उतारी ने ओरडा मां मुक्युं,
रांणबाई हजी वाडा मांथी पाछां आवे एटलीज वार थई हती,
सोनबाई थांभली पासे बेठेलां
रांणबई मा कहे के सोन दहीं गोळी मां नाख्युं??
सोनबाई मां कहे छास तो हाल फेरवी लीधी ने मां??
विस्वास न थयो के एटली वार मां थोडी छास फेरवी सके ?? अने एकली थी ए सक्य पण नोहतुं, पण गोळी मां जोयुं तो छाछ थई गयेल,
अने माखण क्यां मुक्युं??
सोनबाई कहे एतो ओरडा मां लई ने ग्या हता मुक्युं हसे क्यांक,  माखण पण ओरडा मां हतुं
त्यारे एमने जनम देनारी मा सोनबाई ना पग मां पडी ने रड्यां छे के हुं नोहती मानती पण हवे मने खातरी थई गई के हुं तारी मा नई पण तुं अमारी मां छे

*आवड आवीन आंगणे, तारी, सोनल फेरे छास*
हवे
*अवर जनां नी आस, मारे, जगमां रही न जोगडा*

सोनलमा ए समाज सुधारक नही पण समर्थ शक्ति नो अवतार
🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼

कच्छ गढवी सामाजीक उत्कर्ष ट्रस्ट तथा अमीत जे.गढवी मेमोरियल चेरीटेबल ट्रस्ट द्रारा समूह लग्न तथा शिष्यवृती बाबत

कच्छ गढवी सामाजीक उत्कर्ष ट्रस्ट तथा अमीत जे.गढवी मेमोरियल चेरीटेबल ट्रस्ट द्रारा समूह लग्न तथा शिष्यवृती बाबत*

आथी तमाम ज्ञातिजनोने नम्र अपील सह जणाववानुं के माताजीनी असीम कृपाथी आपणा द्रारा 22 मां समूह लग्ननूं आयोजन ता.01-02-2016 वसंत पंचमीना रोज भुज मुकामे करेल छे.


*समूहलग्नमां जोडाववा माटेना नियमो*

---------------------------------------


(1) ता.31-12-2016 सुधीमां बन्ने पक्षोऐ नोंधणी करावी जवी.

(2) दरेक पक्षनी नोंधणी फ्री रू.5000/- रोकड़ा/चेक थी स्वीकारवामां आवशे. तेमज डिपोझीट पेटे रू.11000/- (जे घेर अलगथी जमणवार,दांडीयारास के वरघोड़ानूं आयोजन नहीं करवामां आवे तो पक्षकारने परत करवामां आवशे)


*शिष्यवृति माटेना नियमो*

------------------------------------


(1) मुळ कच्छना *मारु गढवी*ना छात्रो ऐ ता.31-12-2016 सुधीमां अरजी करवी

(2) धोरण 8 थी उपर मां 60 % तेथी वधु गुणवाळा छात्रोऐ अरजी करवी.

(3) दरेक छात्रोऐ अटक, वतननुं गाम तथा टेलीफोन नंबर अवश्य लखवा

(4) दरेक छात्रोऐ छेल्ली परिक्षानी मार्कशीट तथा हाल अभ्यास चालु छे तेनी प्रमाणित नकल तेमज होस्टल माटेनी फ्री नी रसीदनो पुरावो अवश्य बिडवो

(5) जे वर्षनी शिष्यवृति माटे अरजी करवामां आवे ते वर्षनी बन्ने सेमेस्टरनी मार्कशीट अरजी साथे सामेल राखवी.


*समूहलग्ननी नोंधणी तेमज शिष्यवृति फॉर्म जमा कराववा संपर्क*


(1) आनंद ऐन. गढवी

आवळ पी.यु.सी सेन्टर, बी-19 कतीरा कोमर्शीयल कोम्पलेक्ष,

आर.टी.ओ रिलोकेशन साइट भुज-कच्छ

मो- 9825217563


(2) मोरारदान ऐ. गढवी 

      मो- 9925117597


22 मो समूहलग्न तथा शिष्यवृति वितरण समारोह


तारीख :- 01-02-2016 बुधवार वसंत पंचमी


स्थळ :- चारण विश्रांति भुवन भुज-कच्छ


वधारे माहिती माटे :-

प्रमुखश्री जब्बरदान ऐन. अयाची 

मो - 9879507015


*निमंत्रक*

 

प्रमुखश्री, कच्छ गढवी सामाजीक उत्कर्ष ट्रस्ट तथा अमीत जे.गढवी मेमोरियल चेरीटेबल ट्रस्ट 


*टाईप बाय :- www.charanisahity.in*


*वधारे माहिती चारणी साहित्य ब्लॉग पर मेळववा माटे नीचेनी लींक ओपन करो⤵⤵*

http://www.charanisahity.in/2016/11/blog-post_29.html


        *वंदे सोनल मातरम्*


चारणी साहित्य ब्लॉग ना माध्यम थी अने आप बधाना सहकार थी नानकडो प्रयास करेल छे

  तमारा कोई Whatsapp ग्रुपमां *चारणी साहित्य, अवनवा समाचार, रचनाओ, उपयोगी माहिती तथा सरकारी नोकरी जेवा अपडेट* मेळववा होय तो 9913051642 नंबर ने ग्रुप मां ऐड करो अथवा आपनुं नाम अने सरनामुं लखी मेसेज करो

*आ मेसेज चारण समाजना दरेक भाईओ साथे अचूक शेर करशो जेथी वधुमां वधु ग्रुपना चारण समाजना भाईओ आ माहितीनो फायदो लई शके.
      सहकार बदल आपनो आभार
         वंदे सोनल मातरम

28 नवंबर 2016

जनक गढवी (पावागढ़) (चारण गाथा विजेता)

*जनक गढवी (पावागढ़) (चारण गाथा विजेता)*

*At :- विश्राम गढवी (विश्राम भगत) नी वाडी मोटा कांडागरा मुंदरा कच्छ खातेनो भजननो वीडियो⤵⤵*



27 नवंबर 2016

कच्छ चारण समाज जोग संदेश

.         कच्छ चारण समाज जोग संदेश

श्री अखिल कच्छ चारण सभा मांडवी-कच्छ

आईश्री सोनल बीज उत्सव चेरीटेबल ट्रस्ट मांडवी कच्छ

प.पू. आईश्री सोनल मांनो 93 मो प्रागट्य पर्व सोनल बीज ना दिवसे नीचे मुजब शिष्यवृति आपवामां आवशे.

शहिद वीर माणशी गढवीनी स्मृतिमां S.S.C मां प्रथम आवनारने शिल्ड - अखिल कच्छ चारण सभा तरफ थी

श्री कैलाशदान करणीदान गढवी तरफथी रनींग शिल्ड तमाम विधार्थीओने

श्री निरंजनबापु ऐज्यूकेशन चेरीटेबल ट्रस्ट तरफथी शिष्यवृति

शिष्यवृति मेळववा माटे लायकात
--------------------------------------

🔹S.S.C मां 75 %

🔸H.S.C सामान्य प्रवाह मां 75 %

🔹H.S.C विज्ञान प्रवाह मां 70 %

🔸कोलेज/मास्टर डीर्गी/अन्य कोर्ष मां वर्षना अंतिम सेमेस्टरमां
सामान्य प्रवाह मां -  65 %
विज्ञान प्रवाह मां - 60 %

➡ ऊपर मुजब लायकात धरावता विधार्थीओ ऐ नीचेना सरनामे रुबरू अथवा टपाल द्रारा मोकली आपवुं.
(1) नाम सरनामा साथेनी सादी अरजी

(2) परीणामनी प्रमाणित नक़ल 

(3) बोनोफाईट सर्टीफिकेटनी नक़ल

ख़ास नोंध ::- सहप्रमाणीत नकल चालशे नही अने वर्षनूं अंतिम सेमेस्टर ध्यानमां लेवामां आवशे

अरजी मोकलवानी छेल्ली तारीख :- 20-12-2016

सरनामुं
श्री लक्ष्मण राग चारण बोर्डिंग लायजा रोड मांडवी कच्छ
पीन कोड 370465
02834223698

वधारे माहिती माटे :-

नागाजणभाई - 9879444802

गढवी विजयभाई करशनभाई - प्रमुखश्री अखिल कच्छ चारण सभा
बारोट भीमशीभाई काकुभाई - मंत्रीश्री

गढवी कानजीभाई वालजीभाई -प्रमुखश्री
गढवी कानजीभाई जेठाभाई - उपप्रमुखश्री
आईश्री सोनल बीज उत्सव समिति

टाईप बाय :- www.charanisahity.in

      🙏वंदे सोनल मातरम् 🙏

पोलीस नी परीक्षामां ग्राउंड टेस्ट माटे पसंद थयेल जामनगर गढवी समाजना विद्यार्थिओ

.                 जय माताजी

*जामनगर गढवी युवक मंडळ अने C.G.I.F द्वारा चालता कोचिंग क्लास मा 12 विद्यार्थिओ अे पोलीस नी परिक्षा आपेल हती.*

*अे मा थी 11 विद्यार्थिओ ग्राउंड टेस्ट माटे पसंद थया छे.*

तेमना नाम निचे मुजब छे :-

1. मोहित गढवी -70.
2. रामकृष्ण लांबा - 65. 
3. विवेक गढवी - 58.
4. नरेश रुडाच - 57.
5. युवराज वडगामा (सुरेन्द्रनगर) - 55.
6. रामदेव गढवी - 53. 
7. दिव्येस गढवी - 46.
8. नितीन जाळफवा - 44.
9. हार्दिक लांगा - 44.
10. पार्थ गढवी - 42.
11. प्रविण धमा - 40.

पास थनार दरेक भाई ओने खूब खूब अभिनंदन
💐💐💐💐💐💐💐💐💐

*खूब नानी शरुआत करी हती परिणाम के सफळता माटे आशा पण नहोती राखी .*

*विद्यार्थिओ अे महेनत करीने सफळता मेळवी (अचीवेर अकेडमि मा रोज 2 कलाक घेर 2 कलाक अने रविवारे 3 - 4 कलाकनी महेनत) जो आपणे सामजिक कार्यो योग्य रीते.ध्येय साथे करीये तो सफळ थईअे ज छीअे .फरीवार गढवी युवक मंडळ जामनगर अने C.G.I.F परिवार अचीवेर अकादमी अने सहकार आपनार सहुनो दिलथी आभार माने छे.*

26 नवंबर 2016

श्री सिध्धेश्र्वरा महादेव नी स्तुति :- चारण कवि ब्रह्मानंद जी स्वामी

🌞श्री सिध्धेश्र्वरा महादेव नी स्तुति
                  दुहो      

पारवति पति अति प्रबल ,विमल सदा नरवेश
नंदि संग उमंग नीत  समरत जेहि गुन शेष
            
                   छंद त्रिभंगी

समरत जेहि शेषा दिपत सुरेशा पुत्र गुणेशा निज प्यारा
ब्रह्मांड प्रवेशा प्रसिध्ध परेशाअजर उमेशा उघ्धारा
बेहद नरवेसा क्रत सिर केशाटलत अशेषा अधरेशा
जयदेव सिध्धेशा हरन कलेशा मगन हमेशा माहेशा  1

भक्तन थट भारी हलक हजारी ,कनक अहारी सुखकारी
सिर गंग सुंधारी द्रढ ब्रह्मचारी हरदुख हारी त्रिपुरारी
रहे ध्यान खुमारी ब्रह्म विहारी गिरजा प्यारी जोगेशा
जयदेव सिध्धेशा हरन कलेशा मगन हमेशा माहेशा 2

कैलाश निवासी जोग अध्यासी रिध्धि सिध्धि दासी प्रति कासी
चित व्योम विलासी हित जुत हासी रटत प्रकासी सुखरासी
मुनि सहस्त्र अठयासी कहि अविनासी जेही दुख त्रासी उपदेशा
जयदेव सिध्धेशा हरन कलेशा मगन हमेशा माहेशा 3

गौरीनीत संगा अति सुभ अंगा हार भुजंगा सिर गंगा
रहवत निज रंगा उठत अवंगा ज्ञान तरंगा अति चंगा
उर होत उमंगा जयक्रत जंगा अचल अभंगा आवेशा
जयदेव सिध्धेशा हरन कलेसा मगन हमेसा माहेशा 4

नाचंत नि:शंका मृगमद पंका घमघम घमका घुघरू का 
ढोलु का धमका होव हमका डम डम डमका डमरु का
रणतुर रणंका भेर भणंका गगन झणंका गहरेशा
जयदेव सिध्धेशा हरन कलेशा ,मगन हमेशा माहेशा 5

मणिधर गल माळा भुप भुजाळा शिश जटाळा चरिताळा
जगभुल प्रजाळा शुळ हथाळा जन प्रतिपाळा जोराळा
दंग तुतिय कराळा हार कुणाळा रहत कपाळा राकेशा
जयदेव सिध्धेशा हरन कलेशा मगन हमेशा माहेशा 7

खळकत शिर निरा अदल अमिरा पिरन पिरा हर पिरा
विहरत संग विरा ध्यावत धीरा गौर सरीरा गंभीरा
दातार रधिरा जहाज बुध्धिरा कांत सिध्धिरा शिर केशा
जयदेव सिध्धेशा हरन कलेशा ,मगन हमेशा माहेशा  7

नररुप बनाया अकळ अमाया कायम काया जगराया
तनकाम जलाया साब सुहाया मुनिउर लाया मनभाया
सिध्धेसर छाया जनसुख पाया मुनि ब्रह्म गाया गुणले शा
जयदेव सिध्धेशा हरन कलेशा ,मगन हमेशा माहेशा

                🌞छप्पय

जय जय देव सिध्धेश शेष निश दिन गुण गावे
दरश परस दुखदुर सुरजन अंतर लावे
अणभय अकळ अपार सार सुंदर जग स्वामी
अगणित कीन उध्धार नार नर चेतन धामी
नररूप मुर्ति नवल नहि शंख्या जेहि नाम की
कहे ब्रह्म मुनि बलिहारी मे शिध्धेशर जग सामकी
                   (   चारण कवि ब्रह्मानंद जी स्वामी    )   

🌞टाईप हरि गढवी
     गाम ववार  ता  मुंदरा
     मो  96380 41145

25 नवंबर 2016

|| आवाहन स्तोत्र || रचना : जोगीदान गढवी (चडीया)

.©         *|| आवाहन स्तोत्र ||*
.   *रचना : जोगीदान गढवी (चडीया)*
                       दोहा.  
सुभ संपत आयु सगत.यस स्वास्थय अरु आन
जपत स्तोत्र यह जोगडा.प्रम पद करत प्रदान.||01||
सर्व परि सगती स्मरण.अखिलेस्वरि अखंड
जग्न पुकारत जोगडो.प्रकटो मात प्रचंड.||02||
.               *छंद : शैल भुजंग*
ॐ सती साधवी भव प्रीया तुं भवानी़.जया जोगणी तुं परा शूल्ल पानी.
कवच नाम तारु कलीकाल कामा.सतक नाम जापे द्रसूं मात सामा
भवां खेचरी भूचरी बोल खम्मा. मया रक्ष तुं रक्ष तुं रक्ष रम्मा.
हवे दर्श दूर्गा दीयो मात दानी. प्रगट्टो प्रकट्टो प्रगट्टो भवानी.||03||
नमो आर्य पिन्नाक धारीय आध्या.नमो सुंदरी सांम्भवी सर्व साध्या.
नमो बुद्धी हुंकार ने चित्त रूपा. नमो चैतना सत्य आनंद् स्वरुपा.
अनेकाय वर्णा असीम् विक्रमा तूं.नमो वन्न दुर्गा महाबल्य मा तुं.
अनन्ता नतूं मां अमुं थी अजानी. प्रगट्टो प्रकट्टो प्रगट्टो भवानी.||04||
नमो मोचनी भव त्रिनेत्रीय तन्ना.नमो चंद्र घंटा महा तप्प मन्ना.
नतो जांणतो मात त्यारे नीहाळी. प्रखीती तने साव पासे पासे प्रचाळी.
करुं पस्च तापो हवे दर्श आपो. प्रजाळोय पापो छुडावोय शापो.
बकुं बाळ तोळो मया ऐक बानी. प्रगट्टो प्रकट्टो प्रगट्टो भवानी.||05||
नमो चित्त चित्राय भावीनी भव्या. प्रियं रत्न भाव्या अपर्णा अभव्या.
मुनी याज्ञ वल्कल्ल मार्तंड मानी. जपी जोगीदाने वसीस्ठे वखानी
नमो सर्व शास्त्रो मयीं मात सत्या.परीधान पट्टांम्बरी मात प्रत्या
महा सर्व मंत्रो मयी जोग जानी. प्रगट्टो प्रकट्टो प्रगट्टो भवानी.||06||
नमो दक्ष कन्या सती तुं सुवर्णा.नमो दक्ष यज्ञम विनाशीनी वर्णा.
नमो अज्ञी ज्वाला क्रुरा काल रात्री. दयालीय नित्या क्रीया सिद्धी दात्री.
नमो भद्रकाली करालीय कात्या. नमो घोर रूपा असूरांण घात्या.
परा पाटला अस्त्र सस्त्राय पानी. प्रगट्टो प्रकट्टो प्रगट्टो भवानी.||07||
मधू कैटभां ध्वंस कारन कूमारी. महीस मर्दनी विश्व कल्याण कारी.
तुंही चंड मुंडन विनाशीनी चंडी. नमो शुंम्भ नैशुंम्भ हंन्ता हखंडी.
नमो राज लक्ष्मीय नारायणीं तूं. महोद्री जगत्त सर्व तत्वम जणी तूं.
नमो मुक्त केशी मूखी रौद्र मानी. प्रगट्टो प्रकट्टो प्रगट्टो भवानी.||08||
नथी जांणतो मंत्र के तंत्र माता. विधी यंत्र नी हुं न जांणुं विधाता.
नथी जांणतो ध्यान के ग्यान धारा. नथी जांणतो अर्थ हुं वेद चारा.
प्रणायम्न जांणुं हुं अग्यान योगी. जपुं नाम तारुं जुंवो दान जोगी
न मुद्रा न यज्ञो न स्लोको सयानी.प्रगट्टो प्रकट्टो प्रगट्टो भवानी.||09||
कलम सिद्ध ज्ञाना सवीत्रीय शेषी. परम ईश्वरी विष्णुं माया तपेशी.
पुरुषा क्रृती वैष्णवी ब्रह्म वाणी. त्रिपुर मालीनी शैव तुल्या त्रीसाणी.
दता धर्म अर्था अरू काम मुक्ती. अनेकास्त्र धारी जलोद्रीय जुक्ती.
महा मोक्ष दाता जूगो पार जानी. प्रगट्टो प्रकट्टो प्रगट्टो भवानी.||10||
कर्यो आभमां मात ऐवो कडाको.धरा तल वितल मां थयो मा धडाको.
सुंन्यो निज्ज काने जुवो जोगीदाने.अहो आत्म तत्वं प्रकट्टी प्रमाने.
दीयां दर्शनो शीव तत्वं समाने.अहा मातृ आयन्न रखुं पद् रमाने.
द्रशी सर्व तत्वेय ऐको समानी.प्रगट्टो प्रकट्टो प्रगट्टो भवानी.||11||
.                     दोहा
अर्पण जग आदेश्वरी. उकल्युं रहस्य अजान
जे दरशन भये जोगडा. पाठत पुन्य  प्रमान.||12||
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झरपरा खाते योजायेल धर्मसभानो अहेवाल


आजे (ता.25-11-16) ना रोज झरपरा-कच्छ खाते धर्मसभा योजायेल जेमां वसंत पांचमना रोज सोनलधाम वांकराई भुजपूर खाते समूह लग्न तथा झरपरा गामे पण समूह लग्न थाय ऐ माटे धर्मसभा हती
जेमां आई श्री देवल मां (भाड़ा) हाले सवनी-वेरावळ, आई श्री देवल मां (झरपरा), श्री विजयभाई गढवी (प्रमुखश्री अखील कच्छ चारण सभा), डायाभाई गढवी(मोटी खाखर), मोमायाभाई(आदिपुर), जादव साहेब (काठड़ा), जीतुभाई गढवी(प्रमुखश्री गीर, बरडो, आलेच चारण समाज) तेमज कच्छ चारण समाजना गामे गामना आगेवानो तथा झरपरा गामना ग्रामवासीओ हाजर रहेल.

प्रवचनना ऑडियो

1- आई श्री देवल मां (भाड़ा) हाले वेरावळ :: Click Here
2- श्री विजयभाई (प्रमुखश्री अखील कच्छ चारण सभा) ::- Click Here
3- श्री डायाभाई गढवी(मोटी खाखर) ::- Click Here

||सोनल सांणोर|| रचना: जोगीदान गढवी (चडीया)

.              *||सोनल सांणोर||*
.   *रचना: जोगीदान गढवी (चडीया)*
महा शक्ति सिरां मोड तुं मोड मा, जोडमां जुनांणे ज्योत जगती
मात मढडा महा सारणां मेवती, सेवती सत्य नो धरम सगती
खुदाने मात तुं खेलवे खोळले, भाळीयुं रूप वैराट भारी
जाप चडीयो जीभे जपे ज्यां जोगडो, मात सोनल सूंणे अर्ज मारी.||01||
सरज तोळी अमुं गावता सारणो, गरज कोई तणीं कमण गणींये
तरज ज्यां विंझणों वाय त्रीलोक त्यां, भेद मारु परज कांउं भणीयें
महा सरसती नुं रुप तुं मावडी, नावडी उबारण मात ऩ्यारी
जाप चडीयो जीभे जपे ज्यां जोगडो, मात सोनल सूंणे अर्ज मारी.||02||
जमाडो हाथ थी जोगमाया जदे, तदे महा लक्ष्मी रुप तमणुं
जनम तें जोगणीं धर्यो अम जात मां, अहो हो केवडूं भाग्य अमणुं
दरस तोळां सदा नयण ने दिसतां, विसो हथ आयखुं जाउं वारी
जाप चडीयो जीभे जपे ज्यां जोगडो, मात सोनल सूंणे अर्ज मारी.||03||
जांम ने मुखो मुख भण्युं तें जोगणी, रोगणी नथी मुज नात्य रांकी
नेहडे नवां लख डणंकती डोसीयुं, ओछीयुं जगत नव लीयो आंकी
दैत दारु तणों डामवा देवतुं, खीजांणी खुब ने थयल खारी
जाप चडीयो जीभे जपे ज्यां जोगडो, मात सोनल सूंणे अर्ज मारी.||04||
ममत मां नाखती मात म्हादेव ने,  ध्यांन कैलास पर तुंज धरवे
महा काली बणीं जुद्ध मां मंडती, हय दळां कटक ने तुंज हरवे
अजा ना मारतल उपरे अंबका, त्रबकती भाळीयुं तेग तारी
जाप चडीयो जीभे जपे ज्यां जोगडो, मात सोनल सूंणे अर्ज मारी.||05||
जोगीदान गढवी (चडीया) 9898360102

पद्मश्री दुला भाया काग (भगत बापु)नी जन्म जयंती

आजे(ता.25-11-2016) ऐटले  पद्मश्री दुला भाया काग (भगत बापु)नी जन्म जयंती  छे


आजे काग बापु ना टुंकमां परिचय साथे तेमना स्वरमां अप्राप्य ऑडियो मुकवानो नानकडो प्रयास करेल छे.

पद्मश्री कवि दुला भाया काग (भगत बापु ) नो संक्षिप्तमां परिचय  

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नाम          :- दुला भाया काग
पितानुं नाम :- भाया काग
जन्म तारीख :- 25-11-1902
जन्म स्थळ  :- मजादर 
अभ्यास    :- पांच धोरण
काव्य ग्रंथ :- कागवाणी भाग 1 थी 7
भारत सरकार द्रारा ता.26-01-1962 ना रोज पद्मश्री ऐवोर्ड थी पुरस्कृत करवामां आवेल
अवशान :- फागण - सुद-4 अने ता. 22-02-1977

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काग बापुनी रचनाओ माटे  :-  Click Here

पद्मश्री दुला भाया काग (भगत बापु)नी जन्म जयंती ऐ कोटी कोटी वंदन


आजे दुला भाया काग(भगत बापु)ना स्वरमां नीचे मुजबना ऑडियो मुकवानुं नानकडू प्रयास करेल छे.

ओडियो 




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➡ आ अप्राप्य ऑडियो कुरियर मारफते मोकलाववा बदल श्री वेरशीभाई वरमल रे. भाटिया ता. काल्याणपुर जी द्रारका वाळा अने ई-मेइल मारफते मोकलवा बदलश्री गांगाभाई गढवी जाम खंभाड़ीया वाळा नुं खूब खूब आभार

        वंदे सोनल मातरम् 





विडियो 

1-TARI SHITAL CHHAYADI


2-KAG BAPU NO PARICHAY


3- BHARAT MILAP

4- JAM AJAJI NI VAAT



तारी शीतळ सायलडीमा : रचना :- दुला भाया काग

*आजे कविश्री दुला भाया काग (भगत बापु)नी 113 मी जन्म जयंति छे*
ते निमिते तेमनी रचेल अेक कवितानुं रचपान करीअे
तारी शीतळ छांयलडीमां सौने सुवरावी .
तुं तपजे तारा संताप ऐकलो ,
जळ तरवा सागरनां सौने साथे लेजे ,
बुडी जाजे आशाभर्यों तुं ऐकलो
तारी शीतळ छांयलडीमां सौने सुवरावी .( टेक )
तारी फोरममां फोरम ,  सौ कोईने भेळ वजे ,
तुं थाजे बदबोनो , धणी ऐकलो ,
फलफुलनां घावोमां ., साथीने आडा देजे ,
तुं सहेजे घणोना , घाव ऐकलो ,
तारी शीतळ छांयलडीमां सौने सुवरावी .........
कोई निर्दोषी फांसी , लटकेलने जिवाडी ,
चडी जाजे शुळी , पर तुं ऐकलो ,
तारां वस्त्रोनी पांखे , सौने ढांकी देजे ,
बस रे"जे उघाडो , तुं ऐकलो
तारी शीतळ छांयलडीमां सौने सुवरावी .......
धन छोळ्युं रेलवजे , सौने वहेंची देजे ,
लई लेजे गरीबी , भाग ऐकलो ,
तारो वैकुंठने केडे , जगतने तेडां करजे ,
बस जाजे दोजखमां , तुं ऐकलो
तारी शीतळ छांयलडीमां सौने सुवरावी .......
खुशकुशनां मेवाने , सहु आगळ धरी देजे ,
भरी लेजे उना , निसासो ऐकलो ,
चौद रत्नो मंथनना , विष्णुने दई देजे ,
शिव थाजे , सागरकिनारे ऐकलो ,
तारी शीतळ छांयलडीमां सौने सुवरावी ......
चिरंजीवीओने , धरणीना छेडा दई देजे ,
चणी लेजे काची , मढुली ऐकलो ,
रण लडतां लडथडता , क्षुद्रोने रोवा देजे ,
तुं हसजे हारीने , हैये ऐकलो ,
तारी शीतळ छांयलडीमां सौने सुवरावी ......
हुशियारीनी गांसडीओ , सौने बंधवजे ,
छेतराजे समज्या , छतां तुं ऐकलो ,
कोई रक्तोना , तरस्यानी तृष्णा ओलववा ,
तुं पाजे तारां रुधिर , ऐकलो ..
तारी शीतळ छांयलडीमां सौने सुवरावी ......
तारा हंसोना टोळामां , सौने हेळवजे ,
पण रे " जे तुं तारे , "काग" ऐकलो ..
तारां सुंदर वाजिंत्रो , मित्रो ने दई देजे ,
लई लेजे तारो , तंबुर ऐकलो ...
तारी शीतळ छांयलडीमां सौने सुवरावी ........
रचयता पद्म श्री दुला भाया काग (भगतबापु )
*```टाईप :-  charantv.blogspot.com ```*
*चारण गौरव भग्तकवि पद्म श्री दुला भाया काग ना जन्मदीन नी हार्दीक वधायुं*
.               *वंदे सोनल मातरम्*

24 नवंबर 2016

खोटी निराशाओ राखी नथी

खोटी निराशाओ राखी नथी
     पारकी आशाओ ने राखी नथी
आंसुओ थया छे मोती हवेथी
    में सस्ती आ आंखो राखी नथी

बंध कर्या हवे में रस्ता तमाम
     छटक बारीओ कोई राखी नथी
पारदर्शी छुं हजीपण जोतो हुं
     पर्दे कदीये प्रितने में ढांकी नथी

मुक्त छे हवे सौ,मनस्वी थवा
     बाहेंधरीओ कोईज में राखी नथी
शक्य छे वाटे मणीऐ क्यारेक
      ईच्छाओ बाकी कोई राखी नथी
    
अस्तित्व शोधवा निकणुं हवे?
       खुद मां खुद मारी ऐ झांकी नथी!
क्षीण पथ्थर शिल्पकार शुं करे?
       कोतरणी माटे जग्या राखी नथी

परीक्षा मां अनुतीर्ण थयो पण
       तैयारी मां कोई खामी राखी नथी
पुस्तको तमाम रटी गयो "देव"
       अध्याय हवे ऐक पण बाकी नथी

✍🏻देव गढवी
नानाकपाया-मुंदरा
        कच्छ

तुं

*तुं*
श्वास अने उच्छवास
वच्चे खालीपो पण तुं
भरती अने ओट वच्चे
मध्यांतर ऐ पण तुं

छतां पण अजंपो
केम आ जणाय ?
ऐवुं कैंक खुटतुं
ऐनो सेतु पण तुं

दीशाओ वच्चे नी
ऐ दीशा पण तुं
कथा ने व्यथा वच्चे
कडी ऐ पण तुं

रहे पथरायेल राहे
नयनो कां ऐमज?
हजी पण वसे मनमां
भ्रमणा ऐ पण तुं

रवी ना ऐ किरणो अने
अंधकार वच्चे पण तुं
"देव"निष्फणता सफलता
ना प्रयास वच्चे पण तुं

✍🏻देव गढवी
नानाकपाया-मुंदरा
        कच्छ

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