(3) श्री कीर्तिदान गढवी
(4) श्री रघुराजसिंह हाडा (राजस्थान)
(5) आकाशवाणी राजकोट केंद्र
चारण समाजनुं गौरव :- वर्ग-3 नी परीक्षामा पास
GSSSB द्रारा लेवायेल SURVEYOR( ADVTNO-126/201617) नी परीक्षामां पास
श्री कमलेशकुमार केशुभा गढवी (वारीया) )मांडवी कच्छ)
खूब खूब अभिनंदन
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. *जुद्धे मोगल जोगणी*
. *रचना: दौलतदान अलराजजी बाटी*
. *प्रेषक: जोगीदान चडीया*
*उभ्भय चवहठ अठहरां,हथविस सोळ हजार*
*असस्त्र मौगल दल अहट,करत जुद्ध जयकार*
. *छंद पद्धरी*
सथ अंब मही संगर सरोष, रत बीज कालीका लरत रोष
धन थट्ट भट्ट आसूर धनेक, हथ बीसौं चंडी हाकल हनेक
बंधूक नाल तौपां बहार, पड पडत पाल वह सह प्रहार
हीय हहरी काद भागत नीहार,बली बेठ यज्ञ सुर पुर बिहार
मद मस्त सहत मृदगांनी मार, टूक टूक वपुन्न हिय प्रदनी हार
मुद लहत लंक त्रुट्टत मकोड, प्रोवत वपुक प्रंडी पकोड
पेखंत थरर कायर पलाय, रण रंग बीर पा टीक रहाय
धण करत वेढ भट थटनी घेर, फट कटत शिस नहीं पडत फेर
हिय हार दुगल दिव्यांण हेर, टिक पाय टाय भट्ट करत टेर
घडी दो घडी को यह है घीयाण, प्रय उद्व गती लीहरो पीयांण
मथ गिरत धरण नहीं होत मोत, हथ गिरत जुरत संधान होत
आसूर अनेक माया उपाय, जानत जगंब नहीं जान्ही जाय
तप कीयल तेज ताको प्रताप, मिली अंत धुरा आपही आप
अधरांग कैक बहरत उभार, कटी आड वाड दरसत कटार
उपवीत्त वाढ करी परत अंग, ढही मुंड काल काटत कुढंग
उट्ठत कबंध फिर लरत आप, परि मुंड भौम बोलत प्रलाप
मिली मगत भैज भूतड भ्रखंत, दधी फुट्ट माट्ट मुंन्डी दिखंत
उच्चार करत शबदां अदोह, श्रृंगाल श्याल कूकत कदोह
बहुं रोत प्रेत बोलत कुवाक, डंनकीनी नाच डह डहक डाक
बाजत निफेरी भैरी बिहाव, हुकळंत भूत कुत हाव भाव
फुट्टत पखाल ईव छरद फेल, झुक पियत डाकीनी उकल झेल
खलबल मतंग ढही खाल खस्त, हसी आत चलत लैखनी हस्त
दौलत भनंत औखन अधात, जद मच्यौ जुद्ध मौगलां मात
बज तुर त्रंब भट्ट सूर बाढ, गल गदीत मलछ कां छुटत गाढ
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*आई श्री पीठड माताजीना जन्मोत्सवनी आमंत्रणपत्रिका*
सवंत 2075 महा सुद-5 बुधवार
ता.10-02-2019
मंगल अवसरो
🔹आरती पूजन - सवारे 6-00 कलाके
🔹बावन गजनी धजा आरोहण - सवारे 7-30 कलाके
🔹यज्ञ - सवारे 8-00 कलाके
🔹भोजन प्रसाद बपोरे 12-00 कलाके
🔹संध्या आरती - सांजना 7-00 कलाके
🔹संतवाणी रात्रे 8-30 कलाके
स्थळ :- नाणावाळीना नेश श्री पीठडधाम जामवाळा गीर ता. गीर गधडा जी.गीर सोमनाथ
*निमंत्रक*
नाणावाळीना नेश श्री पीठडधाम
पू. लक्ष्मीआई मां तथा भक्तगण
*जय मा पीठड*
*वंदे सोनल मातरम्*
*|| ट्रेनिंग लेता रिक्रूट ना दुहा ||*
*|| कर्ता : मितेशदान गढ़वी(सिंहढाय्च) ||*
*|| दोहा ||*
तालीम मा सवारे ज्यारे उठया बाद तालिमार्थीओ व्यायाम मेदांन मा जवा सुधि जे प्रवृति,मौज,आनंद,करे छे ते घटना ना दुहा,,,,
*वेहला उठीने वेरता,(इ तो)आळस कैक अपार,*
*मानो आ मितराय के,(केता)पोढ्ये न आवे पार,(1)*
*ब्रस दाढ़ी कर बंकडो,झडप तैयारी झट*
*मानों आ मितराय के,ए पोगेय व्यायाम पट(2)*
*अध उठेला आळसु,(जे)धोडता न राखे धैर्य,*
*मानो आ मितराय के,(इ)लोठकी लेता लेर्य(3)*
(पछी)
*मेजर साहेब ना काने,(जो)पड़े बुकाहा पोक*
पछी
*मानो आ मितराय के,शब्दो बनता श्लोक(4)*
😄
*पोल नाम नु पोषण, पकडे करता पार,*
*मानो आ मितराय के,ई आराम करे अपार(5)*
*हाजरी लै ने हावजो,रनिंग करता रोज,*
*मानो आ मितराय के,एमा माणेय नकरी मौज(6)*
*छूटा पड़ी ने छोडता,समूह मुकी समराट*
*मानो आ मितराय के,घडे विखेरयो घाट(7)*
*बहु निकड़े बीमारियों,जे खोटा बहाने खट्ट*
*मानो आ मितराय के,ई चपळ चंद चपट्ट(8)*
*होय हजारु हरखेला,(जे) सदाय आगळ सेज,*
*मानो आ मितराय के,(तोय) तपे न ऐनु तेज(9)*
*पोलरिया पण पामता,तालीम ग्रहण नु तेज,*
पण
*मानों आ मितराय के,(जेनु) भागेय तन नु भेज(10)*
पीटी पूरी,,,,,,😁🙏
पेहलो लेक्चर पुरो थयो,,,,,
*🙏---मितेशदान(सिंहढाय्च)---🙏*
*कवि मीत*
*|| : सोनल आद्य स्वरूप : ||*
*|| : कवि मितेशदान महेशदान गढवी (सिंहढाय्च) : ||*
*|| : दुहा :||*
*पोष बिज पुरषार्थने,धरो जगावी धुप,*
*मानो आ मितराय के,सोनल आद्य स्वरूप,(1)*
*जगदंबा नित जागती,काट विकार कुरूप*
*मानो आ मितराय के,सोनल आद्य स्वरूप (2)*
*मीठप तोरी मावड़ी,अक्षत आई अनूप*
*मानो आ मितराय के,सोनल आद्य स्वरूप(3)*
*अम अवगुणे आईतु,चुके न आयल चुप,*
*मानो आ मितराय के,सोनल आद्य स्वरूप(4)*
*सत बेली संसारनी,आरंभ तुही उप*
*मानो आ मितराय के,सोनल आद्य स्वरूप(5)*
*🙏---मितेशदान(सिंहढाय्च)---🙏*
*कवि मीत*
9558336512